ज़िन्दगी क्यों हमे मिली है , जीने के लिए या मरने क लिए मिली है।
चाहते है हम ज़िन्दगी से कुछ एसा,जो हमे मिल नहीं सकता,इसी वजह से हसना तो दूर ,रोने का भी समय नहीं मिलता। क्यों इसे हम समज नहीं पाते , बहुत ऐसे सवाल है, जिनके जवाब अभी बाकी है , और नए सवाल इसमें जुड़ते जाते है,
ज़िंदा रहे भी तो किसलिए , यहाँ तो जीने की भी वजह नहीं मिलती , मरना चाहे भी तो किसलिए, मरने की भी तो वजह नहीं मिलती, बस इसी तरह ज़िन्दगी की उलझने बढती जाती है, हम जीते है या मरते है ये सवाल बढ़ते जाते है।
चाहते है हम ज़िन्दगी से कुछ एसा,जो हमे मिल नहीं सकता,इसी वजह से हसना तो दूर ,रोने का भी समय नहीं मिलता। क्यों इसे हम समज नहीं पाते , बहुत ऐसे सवाल है, जिनके जवाब अभी बाकी है , और नए सवाल इसमें जुड़ते जाते है,
ज़िंदा रहे भी तो किसलिए , यहाँ तो जीने की भी वजह नहीं मिलती , मरना चाहे भी तो किसलिए, मरने की भी तो वजह नहीं मिलती, बस इसी तरह ज़िन्दगी की उलझने बढती जाती है, हम जीते है या मरते है ये सवाल बढ़ते जाते है।